अध्ययन के अनुसार गुजरात से 792, तमिलनाडू से 577, महाराष्ट 553 और केरल से 502 गंभीर श्वास रोगियों के सैंपल जांचे गए थे। महाराष्ट के आठ, पश्चिम बंगाल के छह और तमिलनाडू व दिल्ली के पांच जिलों में भर्ती मरीजों में संक्रमित मिले हैं। 104 संक्रमित मरीजों में एक मरीज हाल ही में विदेश यात्रा करके वापस लौटा था। जबकि दो मरीज संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से पॉजीटिव हुए। जबकि 40 मरीजों में संक्रमण न तो विदेश से आए किसी व्यक्ति से आया और न ही किसी के संपर्क में आने से आया।
अध्ययन के अनुसार गुजरात से 792, तमिलनाडू से 577, महाराष्ट 553 और केरल से 502 गंभीर श्वास रोगियों के सैंपल जांचे गए थे। महाराष्ट के आठ, पश्चिम बंगाल के छह और तमिलनाडू व दिल्ली के पांच जिलों में भर्ती मरीजों में संक्रमित मिले हैं। 104 संक्रमित मरीजों में एक मरीज हाल ही में विदेश यात्रा करके वापस लौटा…
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययन में चौंकान्ने वाला खुलासा हुआ है। देश के 21 राज्यों के 52 जिलों में 5911 में से 104 गंभीर सांस रोगी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं। इनमें ज्यादात्तर मरीजों की आयु 50 वर्ष से ऊपर है और पुरूषों की संख्या अधिक है। 104 में से 39.2 फीसदी (40) संक्रमित मरीजों की कोई हिस्ट्री नहीं मिली है। न तो ये विदेश से आने वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और न ही संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हैं। दरअसल मार्च के पहले सप्ताह में कोरोना वायरस को लेकर आईसीएमआर ने अपनी लैब में कुछ रैडम सैंपलिंग की थी, जिसमें एक हजार सैंपल की जांच के बाद एक भी पॉजीटिव केस नहीं मिला था। इसके बाद 20 मार्च को टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अस्पतालों में भर्ती गंभीर श्वास रोगियों की जांच कराने के निर्देश दिए गए। 15 से 29 फरवरी तक की गई 965 गंभीर सांस रोगियोंं की जांच में से दो मरीज पॉजीटिव मिले लेकिन जब टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव हुआ तो देश भर के अस्प्तालों में भर्ती 4946 सैंपल की जांच हुई जिसमें से 102 सैंपल पॉजीटिव मिले। इसी के अनुसार देश में गंभीर सांस रोगियों के 5911 में से 104 सैंपल पॉजीटिव मिले हैं। अध्ययन में इन मरीजों की आयु औसतन 44 से 63 वर्ष के बीच बताई गई है। वहीं 83.3 फीसदी मरीज पुरूष हैं।
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययन में चौंकान्ने वाला खुलासा हुआ है। देश के 21 राज्यों के 52 जिलों में 5911 में से 104 गंभीर सांस रोगी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं। इनमें ज्यादात्तर मरीजों की आयु 50 वर्ष से ऊप…
एनएच-9 पर मंगलवार रात करीब 9 बजे सड़क के दोनों तरफ लोगों की भीड़ दिखी। ये लोग घरों तक पहुंचने के लिए किसी सवारी के इंतजार में थे। कभी कोई ट्रक उनके पास आकर रुकता तो सैकड़ों की भीड़ एक साथ उस ओर भागती। जिसे उस ट्रक में जानवरों की तरह लदने का मौका मिल गया, वह खुद को खुशकिस्मत महसूस करता है। जिन्हें ट्रक में जगह नहीं मिली, उन्होंने पैदल ही हापुड़ की ओर कदम बढ़ा दिए। कई किलोमीटर तक हाइवे पर केवल लोगों की ही भीड़ देखने को मिल रही है। इन लोगों का कहना है कि रात के वक्त पुलिस का पहरा कम होता है, इसलिए वे पूरे परिवार के साथ घर के लिए निकले हैं। March 29, 2020 • NAZAR MAHMOOD एनएच-9 पर मंगलवार रात करीब 9 बजे सड़क के दोनों तरफ लोगों की भीड़ दिखी। ये लोग घरों तक पहुंचने के लिए किसी सवारी के इंतजार में थे। कभी कोई ट्रक उनके पास आकर रुकता तो सैकड़ों की भीड़ एक साथ उस ओर भागती। जिसे उस ट्रक में जानवरों की तरह लदने का मौका मिल गया, वह खुद को खुशकिस्मत महसूस करता है। जिन्हें ट्रक में जगह नहीं मिली, उन्होंने पैदल ही हापुड़ की ओर कदम बढ़ा दिए। कई किलोमीटर तक हाइवे पर केवल लोगों की ही भीड़ देखने को मिल रही है। इन लोगों का कहना है कि रात के वक्त पुलिस का पहरा कम होता है, इसलिए वे पूरे परिवार के साथ घर के लिए निकले हैं। More to read نشہ کی حالت میں گاڑی چلانے پرعدالت نے ایک شخص 17 ہزارکا جرمانہ کیا عائد December 4, 2019 • NAZAR MAHMOOD انسانیت ہوئی شرمسار December 4, 2019 • NAZAR MAHMOOD گورنر جنا ب ٹنڈن کی اُجین آمد پر ہوا پر جوش استقبال December 3, 2019 • NAZAR MAHMOOD اندور میں موسیقی کی محفل سجی December 3, 2019 • NAZAR MAHMOOD
एनएच-9 पर मंगलवार रात करीब 9 बजे सड़क के दोनों तरफ लोगों की भीड़ दिखी। ये लोग घरों तक पहुंचने के लिए किसी सवारी के इंतजार में थे। कभी कोई ट्रक उनके पास आकर रुकता तो सैकड़ों की भीड़ एक साथ उस ओर भागती। जिसे उस ट्रक में जानवरों की तरह लदने का मौका मिल गया, वह खुद को खुशकिस्मत महसूस करता है। जिन्हें ट…
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फ़तेहपुर शहर के आवास विकास इलाक़े के एक बड़े स्टाकिस्ट के गो-डाउन में पर्याप्त भण्डारण के बावजूद लाँकडाउन के दूसरे दिन ही आटे की क़ीमत पाँच-छः सौ रुपये प्रति कुन्तल तक बढ़ा देना कही से मानवीय दृष्टिकोण नहीं कहा जा सकता। इसी तरह ज़रूरत के अन्य समानो की दरो में भी अप्रत्याशित उछाल सीधे तौर पर अभी से लोगों की समस्याओं को बढ़ाने वाली साबित हो रही है। मुख्यालय समेत जनपद के अन्य हिस्सों से ज़रूरी सामान चाहे खाद्यान्न हो, दवाए हों उन्हें महँगी क़ीमतों में देने, कालाबाज़ारी, घटतौली आदि की शिकायतें आम हो गई है।
फ़तेहपुर शहर के  आवास  विकास इलाक़े के एक बड़े स्टाकिस्ट के गो-डाउन में पर्याप्त भण्डारण के बावजूद लाँकडाउन के दूसरे दिन ही आटे की क़ीमत पाँच-छः सौ रुपये प्रति कुन्तल तक बढ़ा देना कही से मानवीय दृष्टिकोण नहीं कहा जा सकता। इसी तरह ज़रूरत के अन्य समानो की दरो में भी अप्रत्याशित उछाल सीधे तौर पर अभी…